राष्ट्रपति शासन लागू; उद्धव ने कहा- हम सरकार बनाने की स्थिति में, राकांपा-कांग्रेस चर्चा के बाद समर्थन पर फैसला करेंगी

मुंबई. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्यपाल ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि नतीजे सामने आने के 15 दिन बाद भी कोई भी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति शासन लगाना ही बेहतर विकल्प है। इस फैसले के बाद राकांपा और कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लोकतंत्र का मजाक उड़ाना है। दोनों पार्टियों ने सरकार गठन पर कहा कि सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद हम इस पर आगे बात करेंगे। हमारे बीच स्थितियां स्पष्ट होने के बाद शिवसेना को समर्थन देने पर बात की जाएगी।


 


पवार ने कहा कि हम किसी भी सूरत में महाराष्ट्र को दोबारा चुनाव में नहीं जाने देंगे। वहीं, भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा- मुझे लगता है कि एनसीपी-कांग्रेस शिवसेना को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा नेता नारायण राणे से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस-राकांपा के नेता उनके संपर्क में हैं तो राणे बोले- मैं इस पर कुछ भी नहीं कह सकता हूं। केवल इतना कहूंगा कि मैं बस सरकार गठन में मदद की कोशिश कर रहा हूं।


 


हम राज्य के लोगों के साथ खड़े होंगे: भाजपा 
भाजपा नेता मुनगंटीवार ने पार्टी कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा- हमने राष्ट्रपति शासन लगने की उम्मीद तो नहीं की थी। हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे कि जनता ने जो जनादेश दिया है, उसका सम्मान हो। हम राज्य में स्थिर सरकार के गठन को लेकर कोशिश करेंगे। हम राज्य के लोगों के साथ खड़े होंगे।


 


शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- हमने राज्यपाल से वक्त मांगा था मगर हमें समय नहीं दिया गया।



  • उद्धव ठाकरे ने कहा- भाजपा ने जब सरकार बनाने से इनकार किया तो हमें सोमवार 7:30 तक सरकार बनाने को लेकर मंशा जाहिर करने को कहा गया। कांग्रेस और राकांपा ने हमसे संपर्क किया था।


  • 'राज्यपाल से हमने सरकार बनाने की इच्छा जाहिर की थी। हमारी राकांपा से बातचीत जारी है। हम अभी भी सरकार बनाने की स्थिति में हैं।'




  • 'कांग्रेस और राकांपा को जिस तरह से स्पष्ट हालात जानने के लिए समय की आवश्यकता थी, उसी तरह हमें भी वक्त की आवश्यकता थी। हमने 48 घंटे मांगे थे और हमें यह समय नहीं दिया गया।'



  • 'सरकार बनाने का हमारा दावा अभी भी कायम है। महाराष्ट्र में सरकार बनाना मजाक बात नहीं है। भिन्न विचारधारा के मुद्दे पर दल सरकार बनाना चाहते हैं तो चर्चा जरूरी होती है। राकांपा ने खुद कहा कि हमने संपर्क किया है। भाजपा कहती है कि हमारे पास समय नहीं था। समय हमारे पास था, लेकिन जिस तरह से हमसे बातचीत हो रही थी। वह हमें पसंद नहीं था।'

  • 'माननीय राज्यपाल महोदय ने 6 महीने दिए हैं। मैं तो लोकसभा के पहले भी उनसे अलग हो रहा था, वे लोग सामने से आए थे। जो खत्म किया है, वह भाजपा ने किया है और जो बातचीत हुई थी हम लोगों के बीच, उस पर अमल करो।' 


शिवसेना ने 11 नवंबर को आधिकारिक तौर पर संपर्क किया था- राकांपा
राकांपा-कांग्रेस की कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा- पहले हम गठबंधन के दलों के बीच सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करेंगे और इसके बाद शिवसेना से भी बातचीत की जाएगी। उनसे भी सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की जाएगी और उसके बाद ही सरकार बनाने के बारे में आगे कोई फैसला लिया जाएगा। शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस और राकांपा से पहली बार 11 नवंबर से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया था। अहम फैसला लेने से पहले जरूरी था कि सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण होना चाहिए। जिस तरह से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई, उसकी हम आलोचना करते हैं। ये मनमाना तरीका है और इसकी हम निंदा करते हैं। यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश। 


 


राज्यपाल ने भाजपा-शिवसेना के बाद राकांपा को न्योता दिया था


राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सबसे पहले सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्योता सौंपा था। लेकिन, भाजपा ने सरकार गठन की इच्छा जाहिर नहीं की। इसके बाद शिवसेना को न्योता दिया गया। लेकिन, शिवसेना ने 2 दिन का वक्त मांगा था। राजभवन ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद तीसरे सबसे बड़े दल राकांपा से राज्यपाल ने सरकार बनाने की इच्छा के बारे में पूछा। राकांपा ने कहा कि हमें मंगलवार रात 8:30 बजे तक का वक्त सौंपा गया है।


 


शिवसेना को समर्थन के पक्ष में 44 में से 26 कांग्रेस विधायक
न्यूज एजेंसी एनएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र कांग्रेस के 44 में से 26 विधायक इस पक्ष में हैं कि शिवसेना को समर्थन दिया जाए। राज्य में राकांपा-शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बने। ये 26 विधायक मराठा है। इनके अलावा भी ज्यादातर विधायक इस पक्ष में नहीं हैं कि नए सिरे से चुनाव हों। 


8,456 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं






 






शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस साथ आए तो बहुमत 




कुल सीटें: 288 


बहुमत: 145 


 

































दल सीटें
शिवसेना56
एनसीपी54
कांग्रेस44
कुल 154
निर्दलीय9 विधायक साथ होने का दावा
तब कुल संख्या बल 163

 


 


महाराष्ट्र में अन्य दलों की स्थिति 


 





























पार्टीसीट
भाजपा105
बहुजन विकास अघाड़ी3
एआईएमआईएम2
निर्दलीय और अन्य दल15
कुल 125