मोबाइल इंटरनेट यूजर्स 82% डाटा पोर्न देखने में खर्च कर रहे

जयपुर. प्रदेश में 90% बच्चे (गांव या शहर) मैगी, चिप्स, पिज्जा-बर्गर, चॉकलेट, ड्रिंक्स लेते हैं। इससे न सिर्फ ज्यादा कैलोरी शरीर में पहुंचती है और न ही विटामिन की पूर्ति होती है। इसे पूरी तरह बंद करें। बहुत जरूरी हो तो 15 दिन में एक ही बार बाहर खाना खाएं। कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारियां देशभर के शिशु रोग विशेषज्ञों ने इंडियन एकेडमी आॅफ पीडियाट्रिक्स की वर्कशॉप के दौरान भास्कर से बातचीत में कहीं।



यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज, दिल्ली के प्रो. डॉ. पीयूष ने बताया- अल्ट्रा प्रोसेस फूड का कल्चर बढ़ रहा है। बच्चों को पैक्ड जूस देने से शुगर, मोटापा और दांत का दर्द होना तय है, काम में लिए जा रहा 82% मोबाइल डेटा पोर्न देखने में काम आ रहा है। हमारे घर की डस्ट (धूल) से ही हम अस्थमा का शिकार हो रहे हैं।



पोर्न देखकर डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं नाबािलग
आईपीए चेयरपर्सन डॉ. जेएस टूटेजा ने कहा- बच्चों में सुसाइड केस काफी बढ़े हैं। वजह है, वे डिप्रेशन में आ रहे हैं। एक प्रमुख वजह सामने आई है वह चौंकाने वाली है। पोर्न देखकर बच्चे वैसी ही कल्पना करने लगते हैं और डिप्रेशन में आने लगते हैं। जबकि उन्हें मालूम ही नहीं होता कि ऐसी मूवी कई हिस्सों में बनी होती हैं और उनके अनुसार कुछ नहीं किया जा सकता। योग सिखाओ लेकिन सेक्स शिक्षा भी जरूरी है। नहीं तो दिल्ली और हैदराबाद जैसे निर्भया कांड बार-बार होते रहेंगे।



घर में कपड़े, फर्श, एसी भी बच्चों में अस्थमा बढ़ा रहे...
घर में कपड़े, फर्श, खिड़की, एसी सहित अन्य कई वजह भी बच्चों में अस्थमा का कारण बन रही है। - डॉ. के नागार्जुन, चेन्नई